Sulochana Latkar Passes Away: दिग्गज अभिनेत्री सुलोचना लाटकर का 94 साल की उम्र में हुआ निधन, अमिताभ बच्चन से लेकर PM मोदी ने जताया शोक
- By Sheena --
- Monday, 05 Jun, 2023
Veteran Actor Sulochana dies at 94 PM Modi pay Tributes
Sulochana Latkar Passes Away: हिंदी और मराठी सिनेमा में अपने सौम्य और मासूम अभिनय से लाखों प्रशंसकों का दिल जीतने वाली दिग्गज अभिनेत्री सुलोचना लाटकर का मुंबई के सुश्रुषा अस्पताल में वृद्धावस्था में निधन हो गया। आपको बतादें कि उनकी आयु 94 साल की थीं। अभिनेत्री सुलोचना लाटकर ने अमिताभ बच्चन, धर्मेंद्र और दिलीप कुमार जैसे दिग्गज अभिनेताओं के साथ फिल्में की हैं।
उनका जन्म
अभिनेत्री सुलोचना लटकर का जन्म 30 जुलाई, 1928 को बेलगाम के चिकोडी तालुका के खडकलरत गांव में हुआ था। उन्होंने 1943 में फिल्म जगत में अपनी शुरुआत की। उन्हें भालजी पेंढारकर से मार्गदर्शन मिला। उन्होंने मराठी और हिंदी फिल्मों में विभिन्न भूमिकाएं निभाईं। अभिनेत्री के रूप में उनकी भूमिकाएं यादगार बन गईं। सुलोचना दीदी (सुलोचना लतकर) की छवि लाखों फिल्म देखने वालों के मन में आज भी वैसी ही है। उन्होंने पर्दे पर सौम्य, शांत और प्यार करने वाली मां का बखूबी चित्रण किया। 1953-54 में सुलोचना की 'भाभी की चूड़ियां', 'मीठ भाकर', 'शक्ति जौ' बहुत लोकप्रिय रहीं। इसके बाद उनके प्रदर्शन का ग्राफ ऊपर की ओर बढ़ता चला गया।
सांस की बीमारी से जूझ रही थीं सुलोचना
सुलोचना लाटकर (Sulochana Latkar Death Reason) कुछ महीनों से सांस की बीमारी से लड़ रही थीं। लगातार उनका इलाज चल रहा था। बढ़ती उम्र के साथ होने वाली कई परेशानियों के चलते वह बीमार चल रही थीं।
PM मोदी ने जताया शोक
सुलोचना के निधन पर पीएम ने जताया शोक जताया है। पीएम ने ट्वीट करते हुए लिखा कि सुलोचना जी के निधन से भारतीय सिनेमा में एक बड़ा खालीपन आ गया है। ट्वीट में पीएम ने आगे लिखा कि उनके अविस्मरणीय प्रदर्शन ने हमारी संस्कृति को समृद्ध किया और उन्हें कई पीढ़ियों के लोगों का प्रिय बना दिया। उनके अभिनय के माध्यम से उनकी सिनेमाई विरासत जीवित रहेगी। पीएम ने सुलोचना के परिवार के प्रति संवेदनाएं व्यक्त कीं है। पीएम ने कहा उनके परिवार के प्रति संवेदनाएं। ओम शांति।
सुलोचना लटकर की लोकप्रिय फिल्म
मोतीलाल के साथ उनकी फिल्म 'मुक्ति' भी लोकप्रिय हुई थी। उसके बाद उन्होंने पृथ्वीराज कपूर, नजीर हुसैन, अशोक कुमार के साथ सह-कलाकार के रूप में भी काम किया। बतौर हीरोइन उन्होंने 30 से 40 फिल्में की होंगी। उन्होंने 1959 में आई फिल्म 'दिल देके देखो' में पहली बार मां का किरदार निभाया था। उसके बाद 1995 तक उन्होंने कई प्रमुख अभिनेताओं की 'मां' की भूमिका निभाई। उन्होंने मराठी में 50 और हिंदी में 250 फिल्में की हैं। सुलोचना दीदी को 1999 में 'पद्मश्री' और 2009 में 'महाराष्ट्र भूषण' से सम्मानित किया गया था।